भारतीय किसान यूनियन से जुड़े सैकड़ों किसानों ने ज्वाइन मजिस्ट्रेट के कार्यालय के बाहर किया धरना प्रदर्शन
रुड़की- भारतीय किसान यूनियन के सैकड़ो किसानों ने रुड़की ज्वाइंट मजिस्ट्रेट कार्यालय के बाहर एक दिवसी धरना-प्रदर्शन कर देश के प्रधानमंत्री व उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन रुड़की ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को सौंपा, ज्ञापन के माध्यम से प्रदर्शनकारी किसानों ने 5 जून को लागू किया गए 3 अध्यादेशों को वापस लेने और किसानों की आय दोगुनी करने व जमीनों को अधिग्रहण करने के दौरान उचित मुआवजा व सरकार नौकरी देने की मांग की। रुड़की तहसील परिसर में भारतीय किसान यूनियन के सैकड़ो किसानों ने रुड़की ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के कार्यालय के बाहर एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया, इस दौरान प्रदर्शनकारी किसानों ने एक ज्ञापन देश के प्रधानमंत्री व उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के नाम रुड़की ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नमामि बंसल को सौंपा। ज्ञापन में 5 जून को लागू किए गए 3 अध्यादेशों को वापस लेने के साथ विभिन मांग की गई। प्रदर्शनकारी किसानों ने बताया कि डबल इंजन सरकार किसान विरोधी नीतियों पर काम कर रही है। किसान विरोधी अध्यादेश लाकर किसानों की मुश्किलें बढ़ाने का काम किया जा रहा है, जिसे किसान किसी भी सूरत में बर्दाश्त नही करेंगे। इसके साथ ही ज्ञापन में 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने, फसलों का उचित मुआवजा देने।किसानों की जमीनों के अधिग्रहण करने के सम्बन्ध में उचित मुआवजा व सरकारी नौकरी देने की मांग की गई। इस दौरान किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष विजय कुमार शास्त्री ने सरकार पर जमकर हमला बोला, उन्होंने कहा केंद्र सरकार द्वारा 5 जून को लागू किए गए आध्यादेशो को तुरंत वापस लिया जाए, नही तो सरकार के खिलाफ किसान लामबंद होकर धरना-प्रदर्शन और चक्का जाम करेंगे। वही उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा यदि किसानों की मांगों को नही माना गया तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा, साथ ही 25 सितंबर को एक बड़े आंदोलन का एलान करते हुए कहा कि आध्यादेशो के ख़िलाफ़ सहारनपुर कलेक्टर भवन पर बड़ा विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। इसके साथ किसान नेता संजय चौधरी ने कहा सरकार मंत्री और विधायकों की आय को दोगुना कर रही है, जबकि किसान आत्महत्याएं करने को मजबूर हो रहा है, उन्होंने साफ कहा सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करे, किसानों की फसलों का उचित मुआवजा दे, ताकि किसान आत्मनिर्भर बन सके, इसके साथ ही उन्होंने कहा जिन स्थानों पर सरकारी प्रोजेक्ट के लिए किसानों की जमीन अधिग्रहण की जा रही है, उनको उचित मुआवजा दिए बगैर ही खड़ी फसलों को नष्ट किया जाता है, जबतक किसान को जमीन का उचित मुआवजा और सरकारी नौकरी ना दी जाए तबतक जमीन का अधिग्रहण ना करे, और ना ही फसलों को नष्ट करे।