वायु रक्षा इकाई के शहीद हवलदार राजे सिंह की मूर्ति का हुआ अनावरण
धुमाकोट: राजकीय महाविद्यालय पटोटिया नैनीडांडा में आयोजित एक कार्यक्रम में सेना द्वारा स्थापित वायु रक्षा इकाई के शहीद हवलदार राजे सिंह की मूर्ति का अनावरण शहीद की धर्मपत्नी विमला देवी द्वारा रिबन काटकर किया गया। इस मौके पर शहीद के परिजनों सहित अनेक ग्रामीण व विधालय परिवार के सदस्य मौजूद थे। महाविद्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम में पूजा अर्चना के पश्चात शहीद की धर्मपत्नी विमला देवी ने रिबन काटकर मूर्ति का अनावरण किया। इस मौके पर सेना की 326 एडी यूनिट की तरफ से मौजूद नायब सूबेदार नवीन चंदेल व महाविद्यालय के प्राचार्य बिजेंद्र प्रसाद उनियाल व सामाजिक कार्यकर्ता बीरेंद्र पटवाल ने शहीद की धर्मपत्नी विमला देवी को शाल उढाकर व माला पहनाकर सम्मानित किया। इस मौके पर शहीद के परिजनों सहित सामजिक कार्यकर्ता मनीष सुन्द्रियाल, बीरेंद्र पटवाल, हरीश रावत, दीपक रावत, कुलदीप सिंह, महिपाल सिंह आदि उपस्थित थे।
इस मौके पर अपने संबोधन में प्राचार्य उनियाल ने कहा कि मातृभूमि की रक्षा करने वाले किसी भी सैनिक की शहादत ब्यर्थ नहीं जाती। किसी सैनिक को मरणोपरांत सम्मान मिलना क्षेत्र के लिए बड़े ही गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि यह स्मारक आने वाली पीढ़ी को देश की सेवा का एक सन्देश देगा।
परिचय- धुमाकोट तहसील के ग्राम जंदरखडी (टांडीयू) निवासी स्व0 थान सिंह रावत के पुत्र वायु रक्षा इकाई (एडी) के हवलदार राजे सिंह 28 मई 1991 में कारगिल के काकसिर क्षेत्र के 4305 पॉइंट में अपनी 23 एमएम 2 बी गन पर तैनात थे। पाकिस्तान की तरफ से लगातार भारी गोलाबारी कर उनकी पोस्ट को निशाना बनाया जा रहा था। हवलदार राजे सिंह भी अपने साथियों के साथ अपनी गन से गोले बरसाकर दुश्मन को करारा मुँह तोड़ जवाब दे रहे थे। दुश्मन द्वारा की जा रही भारी गोलाबारी का जवाब देते हुए वह बुरी तरह जख्मी हो गए थे। लेकिन जख्मी अवस्था में भी उन्होंने अपनी अंतिम सांस तक अदम्य साहस का परिचय देते हुये गोले बरसा रही दुश्मन की एंटी एयर क्राफ्ट गन को उड़ा दिया था। उनकी इस वीरता पर सेना ने उनको मरणोपरांत सेना मैडल से सम्मानित किया था।