वनाग्नि पर रोक नही लगी तो दस साल बाद सूख जाएंगे अस्सी प्रतिशत जलस्रोत
देवाल: जंगलों में लगातार लग रही आग से जहां प्राकृति वनस्पति स्वाह हो रहा हैं वही वायुमंडल दूषित होता जा रहा हैं। जंगलों में वनाग्नि रोकने के लिए ग्राम पंचायत पूर्णा में पर्यावरणविद् वृक्ष मित्र डॉ. त्रिलोक चंद्र सोनी के नेतृत्व में तथा ग्राम प्रधान मनोज कुमार, महिला मंगल दल अध्यक्ष साबुली देवी व वन सरपंच अध्यक्ष गोविंद राम सोनी के साथ बैठक की जिसमें वनाग्नि रोकने का संकल्प लिया गया। गोष्ठी में ग्रामीणों को प्रेरित करते हुए पर्यावरणविद् वृक्ष मित्र डॉ. त्रिलोक चंद्र सोनी ने कहा जिस प्रकार से आगजनि से पूरे पहाड़ धधक रहे है उससे वातावरण दूषित हो रहा है, समय रहते इन पर रोक नही लगाई गई तो वो दिन दूर नही होगा जब सांस, त्वचा व आँखों की बीमारियाँ फैलेंगी। इस प्रकार के तपिश से आने वाले दस सालों में अस्सी प्रतिशत जलस्रोत सूखने के कगार पर होंगे जिसका सीधा असर हमारे खेतों, जानवरो व आने वाली पीढ़ी पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि फायर सीजन के बजट का लाभ ग्राम प्रधानों, वन सरपंचों को मिले और अपने गांव से लगे जंगलों की जम्मेदारी उन्हें दी जाए। एक स्वतंत्र एजेंसी हो जो वनाग्नि पर अपनी नजर रखे तभी इस मानव जनित आपदा पर रोक लगेगी। प्रधान मनोज कुमार ने कहा जंगल हमारे धरोहर हैं वनाग्नि को रोकने के लिए सभी को आगे आने की जरुरत है। महिला मंगल दल के अध्यक्षा साबुली देवी ने कहा हमारे पूर्वजों ने बच्चों की भांति परवरिश कर हमारे जंगल बचाएं हैं हमें भी इन्हें बचाकर अपने बच्चों के लिए रखना होगा। वन सरपंच गोविंदराम सोनी ने जंगलों में लग रही आग पर चिंता जाहिर करते हुए वन पंचायतों को सशक्त बनाने और उन्हें पूर्ण अधिकार देने की मांग करते हुए कहा कि तभी वन पंचायतें स्वतंत्र कार्य कर सकेंगे।