विसंगतियों को लेकर रेल मंत्री से मिले महाराज
नई दिल्ली/देहरादून। प्रदेश के लोक निर्माण, पर्यटन, सिंचाई, लघु सिंचाई, ग्रामीण निर्माण, पंचायती राज, जलागम प्रबन्धन, संस्कृति, धर्मस्व भारत-नेपाल उत्तराखण्ड नदी परियोजना मंत्री सतपाल महाराज ने ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन निर्माण के दौरान निकटवर्ती गांव वालों हो रही समस्याओं के समाधान और अधिगृहीत भूमि के प्रतिकर के भुगतान में हुई विसंगतियां को लेकर केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात कर इस विषय में उन्हे एक पत्र भी सौंपा। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन निर्माण के दौरान निकटवर्ती गांव वालों हो रही समस्याओं के समाधान, अधिगृहीत भूमि के प्रतिकर के भुगतान में हुई अनेक विसंगतियों, पुनर्वास पैकेज शीघ्र घोषित करने और बेरोजगारों को रेलवे परियोजना के निर्माण कार्यों में समायोजित करने आदि कई प्रमुख बिन्दुओं को लेकर बुद्धवार को एक प्रतिनिधि मंडल प्रदेश के लोक निर्माण, पर्यटन, सिंचाई, लघु सिंचाई, ग्रामीण निर्माण, पंचायती राज, जलागम प्रबन्धन, संस्कृति, धर्मस्व भारत-नेपाल उत्तराखण्ड नदी परियोजना मंत्री सतपाल महाराज के नेतृत्व में नई दिल्ली स्थित रेल भवन में केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव से मिला और इस विषय में उन्हें एक पत्र भी सौंपा। राज्य के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने ऋषिकेश से कर्णप्रयाग रेल लाइन के निर्माण कार्य की प्रगति पर संतोष जाहिर करते हुए केन्द्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात के दौरान उन्हें बताया कि जिन क्षेत्रों में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन निर्माण कार्य प्रस्तावित हैं वहां के जनप्रतिनिधियों ने उन्हें अवगत कराया है कि “रेल विकास निगम द्वारा ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन हेतु सुरंग निर्माण के लिए जो विस्फोटक प्रयोग किए जा रहे हैं, वह मानकों से कहीं अधिक तीव्रता के हैं, जिसके परिणामस्वरूप रेलवे लाइनों के निकटवर्ती गांवों के आवासीय भवनों, गोशालाओं और खेतों में गहरी व चौड़ी दरारें पड़ रही हैं। इतना ही नहीं लगातार यह बढ़ भी रही हैं।
जिस कारण अनेक गांवों के अस्तित्व पर संकट आ गया है। महाराज ने रेलवे मंत्री को सौंपा पत्र के माध्यम से उन्हें अवगत कराया कि रेलवे लाइनों के निकटवर्ती गांवों के अनेक परिवार सुरक्षा के लिए अपने भवन छोड़कर अन्यत्र शरण ले चुके हैं। इस समस्या के निराकरण के लिए रेलवे मंत्रालय द्वारा ऐसे गांवों को चिन्हित करके क्षति का आंकलन कर प्रभावित परिवारों को समुचित क्षतिपूर्ति (मुआवजा) दिया जाना चाहिए। उन्होने ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन निर्माण के लिए रेलवे विकास निगम द्वारा अधिगृहीत भूमि के प्रतिकर के भुगतान में हुई अनेक विसंगतियों की ओर रेलवे मंत्री का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि प्रभावितों की सुनवाई किसी भी स्तर पर न होने के कारण लगातार जनाक्रोष व्याप्त हो रहा है। कैबिनेट मंत्री महाराज ने केन्द्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव से अनुरोध किया कि समस्याओं के निराकरण हेतु रेलवे मंत्रालय एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन कर प्रभावित लोगों की शिकायतों को सुनने तथा समाधान की पहल करे। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन के पैकेज 08 के अंतर्गत पूर्ण प्रभावित मरोड़ा ग्राम के निवासियों का पुनर्वास समय पर न होने और अतिरिक्त विस्थापित परिवारों के युवाओं को परियोजना के अंतर्गत रोजगार उपलब्ध न होने के विषय को महाराज ने रेलवे मंत्री के समक्ष रखा। उन्होने रेल मंत्री से कहा कि रेलवे मंत्रालय द्वारा इसके निराकरण हेतु ग्रामवासियों का पुनर्वास पैकेज शीघ्र घोषित कर बेरोजगारों को परियोजना के निर्माण कार्यों में समायोजित किया जाये। पर्यटन मंत्री महाराज ने केंद्रीय रेलवे मंत्री से योगनगरी स्थित ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे स्टेशन को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने हेतु भी अनुरोध किया। उन्होने कहा कि रेलवे स्टेशन के आस-पास की भूमि पर प्रदेश का पर्यटन विभाग अनेक विधाओं का चित्रण करने के साथ-साथ राज्य में चलने वाली विभिन्न पर्यटन गतिविधियों की जानकारी देने के अलावा कैफेट एरिया, पहाड़ी भोजन एवं पहाड़ी मिठायों की भी व्यवस्था करेगा। इस मौके पर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत, रूद्रप्रयाग विधायक भरत चौधरी और कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल आदि मौजूद थे।