पौड़ी के लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान बने सीडीएस
भारत सरकार ने लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (सेवानिवृत्त) को अगले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के रूप में नियुक्त किया। रक्षा मंत्रालय की ओर जारी जानकारी के मुताबिक वह भारत सरकार के सैन्य मामलों से जुड़े विभाग के सचिव के रूप में भी कार्य करेंगे। पूर्व सीडीसी जनरल बिपिन रावत के हेलिकॉप्टर क्रैश में निधन के बाद 9 महीनों से देश का यह सैन्य पद खाली था, जिसकी जिम्मेदारी अब रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान को सौंपी गई है। रक्षा मंत्रालय ने उनकी नियुक्ति की जानकारी देते हुए बताया कि रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान ने लगभग 40 वर्षों से अधिक के करियर में कई कमांड संभाले हैं और उन्हें जम्मू-कश्मीर और उत्तर-पूर्व भारत में आतंकवाद विरोधी अभियानों में व्यापक अनुभव है। 18 मई 1961 को जन्मे लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान को 1981 में भारतीय सेना की 11 गोरखा राइफल्स में कमीशन दिया गया था। वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवासला और भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून के पूर्व छात्र हैं। मेजर जनरल के रैंक अधिकारी रहते हुए उत्तरी कमान में महत्वपूर्ण बारामुला सेक्टर में एक इन्फैंट्री डिवीजन की कमान संभाली थी। बाद में लेफ्टिनेंट जनरल के रूप में उन्होंने उत्तर पूर्व में एक कोर की कमान संभाली और बाद में सितंबर 2019 से पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ बने और मई 2021 में सेवा से अपनी सेवानिवृत्ति तक पदभार संभाला।
इन कमांड नियुक्तियों के अलावा सैन्य संचालन महानिदेशक के प्रभार सहित महत्वपूर्ण स्टाफ नियुक्तियों को भी संभाला। इससे पहले अधिकारी ने अंगोला में संयुक्त राष्ट्र मिशन के रूप में भी काम किया था। अधिकारी 31 मई 2021 को भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हुए। सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद भी उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक मामलों में योगदान देना जारी रखा। सेना में उनकी विशिष्ट और शानदार सेवा के लिए लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (सेवानिवृत्त) को परम विशिष्ट सेवा पदक, उत्तम युद्ध सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक, सेना पदक और विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया।
पूर्व सीडीएस जनरल बिपिन रावत के निधन के बाद से हो रहा था मंथन
पूर्व सीडीएस जनरल बिपिन रावत के हवाई दुर्घटना में निधन के बाद नए सीडीएस की नियुक्ति पर मंथन हो रहा था। आज केंद्र ने इस पर मुहर लगा दी। नए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) की नियुक्ति के लिए केंद्र सरकार सेवारत और सेवानिवृत्त, दोनों तरह के सैन्य अधिकारियों के नाम पर विचार कर रही थी। यह पद पिछले साल आठ दिसंबर को देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत की एक हवाई हादसे में मौत हो जाने के बाद से खाली था।
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में सीडीएस की हुई थी नियुक्ति
साल 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र में भाजपा की फिर से सरकार बनने के छह महीने के अंदर नए सीडीएस की नियुक्ति के फैसले को देश के सर्वोच्च सैन्य ढांचे में सबसे बड़ा सुधार बताया गया था। देश की तीनों सेनाओं में समन्वय के लिए पहले सीडीएस के तौर पर जनरल रावत को नियुक्त किया गया था। सीडीएस की नियुक्ति सैन्य मामलों के विभाग के सचिव के तौर पर होती है, जो वर्तमान में अतिरिक्त सचिव रैंक के तहत काम करता है। सीडीएस एकीकृत डिफेंस स्टाफ का अध्यक्ष भी होता है। सरकार ने सीडीएस को रक्षा कार्यक्रमों में मेक इन इंडिया का प्रभारी भी बनाया है। आठ दिसंबर 2021 को तमिलनाडु में खराब मौसम के चलते वायु सेना का एमआई-17 हेलिकॉप्टर हादसे का शिकार हो गया था। इस हेलिकॉप्टर में सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत कुल 14 लोग सवार थे। नीलगिरि और तमिलनाडु के बीच कुन्नूर के जंगल में हुई इस दुर्घटना में हेलिकॉप्टर में सवार सभी लोगों की जान चली गई थी।