देशभर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की धूम, कोरोना के कारण लोग घरों में व्रत रखकर कर रहे पूजा-अर्चना
भगवान श्रीकृष्ण जन्म दिन जन्माष्टी श्रावण मास के प्रमुख पर्व है। 11 एवं 12 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत रखा जाता है। भगवान कृष्ण का जन्म आधी रात को मूसलाधार वर्षा, आंधी, तूफान की गर्जन नदियां एवं नाले में पूर्ण जल के बीच रात्रि के समय पिता वसुदेव एवं माता देवकी के पुत्र के रुप में हुआ। वसुदेव एवं देवकी के पूर्व जन्म की तपस्या के फल स्वरुप भगवान उनके घर में उत्पन्न हुए। हिन्दू धर्म परंपरा में अधिकांश लोग अष्टमी की रात को जन्म मानकर अष्टमी तिथि को व्रत एवं पूजन करते हैं। कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर नैनीताल की बाजारो ने भी खासा उत्साह देखने को मिला। कृष्ण जन्माष्टमी के त्यौहार के लिए बाल गोपाल के लिए सुंदर वस्त्र तो कोई भगवान नंदलाल के लिए झूले खरीदते नजर आए। भक्तों का कहना है की वे आज लड्डू गोपाल को विशेष झूले में झुलायेंगे और बाल गोपाल जी के लिए विशेष पंजीरी लड्डू का भोग लगाकर पूजा अर्चना कर कृष्ण भजन करेंगे जाएंगे। साथ ही घर के नंदगोपालओं को भी कृष्ण भगवान की पोशाकों पहनाई जाएंगी।