मूसलाधार बारिश के चलते हैं मोटर मार्ग हुआ बंद, मार्ग बंद होने के कारण महिला ने दिया सड़क पर बच्चे को जन्म
चमोली : कल देर रात से हुई मूसलाधार बारिश के कारण कई मोटर मार्ग व रास्ते क्षतिग्रस्त हो गए, जिससे ग्रामीण जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। सुबह से ही पोखरी हापला मोटर मार्ग के क्षतिग्रस्त होने के कारण गर्भवती महिला को सड़क पर ही बच्चे को जन्म देना पड़ा। जबकि सुबह से ही लोक निर्माण विभाग पोखरी द्वारा सड़क होने की दिशा में कोई कार्यवाही नहीं की गई ऐसे में कह सकते हैं कि लोक निर्माण विभाग की लोक जीवन के साथ ही बड़ा खिलवाड़ है। प्राप्त जानकारी के अनुसार हापला घाटी के नैल गांव की गर्भवती महिला नीमा देवी को जब प्रसव वेदना शुरू हुई तो परिजन उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पोखरी के लिए लाए लेकिन सड़क मार्ग बाधित होने के कारण महिला को बीच सड़क पर ही बच्चे को जन्म देना पड़ा। शुक्र रहा कि जच्चा व बच्चा दोनों सुरक्षित हैं। सड़क पर भारी मलबा आने के कारण महिला और नवजात शिशु को उन्हें बिना मेडिकल परीक्षण कराए वापस घर ले जाना पड़ा। बताया जा रहा है जब महिला प्रसव वेदना से कराह रही थी तो परिजनों द्वारा लोक निर्माण विभाग के जे ई कुलदीप रावत से फ़ोन पर सड़क मार्ग खोलने की गुहार लगाई गई तो उन्होंने बताया कि जेसीबी को सुबह से ही सड़क को खुलवाने के लिये भेज दिया है। लेकिन अभी तक सड़क खोलने के लिए मशीन नही पहुच पाई थी। हापला घाटी के स्थानीय लोग गजेंद्र सिंह,राकेश नेगी,विजय,सोहन बर्त्वाल, संतोष का कहना है कि हापला घाटी की लाइफ लाइन के तौर पर यह मोटर मार्ग अक्सर इस स्थान पर बंद रहता है लेकिन लोक निर्माण विभाग के पास 33 जेसीबी होने के बावजूद भी मार्ग को खोलने की दिशा में कोई कार्यवाही नहीं की जाती है सुबह से दोपहर होने के बाद भी लोक निर्माण विभाग द्वारा आज रास्ता नहीं खोला गया। ऐसे में गर्भवती बीमार लोगों को भारी परेशानियों का सामना तो करना ही पड़ रहा है बल्कि जीवन को भी खतरे में डालना पड़ रहा है। आपदा के समय मुख्यमंत्री से लेकर मुख्य सचिव तक अधिकारियों को सतर्क रहने व तत्परता दिखाने की बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं लेकिन उनका तंत्र किस तरह से इस आपदा काल में सोया हुआ है यह पोखरी विकासखंड के सोए हुए अधिकारी कर्मचारियों से लगाया जा सकता है। लोक निर्माण विभाग की सुस्ती के कारण आज पुनः एक हादसा होते हुए बच गया है लेकिन आखिर इस लापरवाही का जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारियों पर कोई कार्रवाई होगी भी या यह इसी तरह से जनता के जीवन के साथ खिलवाड़ करते रहेंगे। एक तरफ कोविड-19 की मार से पूरा राज्य त्रस्त है तो दूसरी तरफ मानसून सीजन में पहाड़ों में लगातार भूस्खलन भूत हंसाओ वह अतिवृष्टि और बादल फटने जैसी घटनाओं से पूरा पहाड़ जूझ रहा है बावजूद अधिकारी मुस्तैद रहने की बजाए सोए हुए नजर आ रहे हैं